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वियतनाम युद्ध || virtnam war in hindi

हेलो दोस्तों स्वागत है!! आपका मेरे ब्लॉग( Festive world ) मैं इस पोस्ट में मैं आपको वियतनाम युद्ध के बारे में संपूर्ण जानकारी दूंगा कि वियतनाम का इतिहास क्या है और वियतनाम युद्ध की शुरुआत कब हुई वह कैसे हुई ??? 


वियतनाम युद्ध
वियतनाम युद्ध

वियतनाम युद्ध एक ऐसा युद्ध था। जिसने कि अमेरिका की नींव को हिला कर रख दिया । और अमेरिका आज भी इस युद्ध के दाग हटाने में लगा हुआ है दाग यह नहीं है कि अमेरिका इस युद्ध को हारा बल्कि दाग यह है कि अमेरिका ने वियतनाम में क्या किया??

वियतनाम युद्ध

वियतनाम की प्रस्तावना :-

वियतनाम युद्ध में अमेरिका 1965 में भाग लिया। लेकिन वियतनाम युद्ध की कहानी शुरू होती है, तब से जब वियतनाम नाम का कोई देश ही नहीं था।  1941 से वियतनाम युद्ध की शुरुआत होती है। क्योंकि 1941 से पूर्व वियतनाम था ही नहीं। फ्रेंच-इंडो-चाइना 3 देशों से मिलकर बना हुआ था। लाओस,कंबोडिया और वियतनाम।  लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान ने इस इलाके को फ्रांस से छीन लिया।


वियतनाम का आरंभिक इतिहास :-

इस पूरे इलाके पर जापान का कब्जा हो गया।  लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब जापान द्वितीय विश्वयुद्ध को हार गया। तो उसने आत्मसमर्पण किया, तो यहां पर जापान की सेना को भी आत्मसमर्पण करना पड़ा। यही वह मोड़ था जहां से वियतनाम की कहानी शुरू होती है।



द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वियतनाम :-

क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की सेना के साथ दो अलग-अलग देशों की सेनाएं युद्ध कर रही थी। जिसमें पहली थी ब्रिटेन की सेना और दूसरी थी चीन की सेना। तब जापान की सेना ने 2 देशों की सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण किया।



वियतनाम युद्ध में फ्रांस का आगमन :-

ब्रिटेन ने चाल चलते हुए जीते हुए भाग को वहां के आम लोगों को न देकर फ्रांस को दे दिया।  लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया।  चीन ने जीते हुए इलाके को वहां के आम लोगों को सौंप दिया।  उसका नाम था वियतमीन व जिसके नेता थे हो ची मिन्ह। पुनः फ्रांस उस स्थान को हड़पने के मकसद से वहां आया।



वियतनाम युद्ध की शुरुआत :-

तब इस युद्ध की शुरुआत हो गई। जिसे कि वियतनाम युद्ध के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध को प्रथम इंडो चाइना युद्ध भी कहा जाता है।  इस युद्ध ने वहां के लोगों को कई चीजें सिखा दी जैसे कि,युद्ध कैसे लड़ा जाता है।

फ्रांस इस युद्ध में बहुत ही बुरी तरीके से हारा तथा उसे अपने सैनिकों की जान बचाने के लिए बात-चीत तक करनी पड़ी।फिर 1954 में जिनेवा में एक शांति समझौता हुआ।  जिसके अंतर्गत तीन अलग-अलग देशों को आजादी दी गई जिसमें लाओस कंबोडिया और वियतनाम थे।



वियतनाम की आजादी :-

इन लोगों ने वियतनाम को आजादी तो दे दी लेकिन उसे दो भागों में बांट दिया। और कहा कि कुछ समय बाद वहां चुनाव होंगे,और वे दोनों देश एक ही हो जाएंगे। इस प्रकार उत्तरी वियतनाम और दक्षिणी वियतनाम दो देश बन गए।



वियतनाम युद्ध में अमेरिका का आगमन :-

वियत कांग ने दक्षिणी वियतनाम की सरकार के खिलाफ लड़ना शुरू कर दिया। बल्कि दक्षिणी वियतनाम के ऊपर हमला कर दिया। जिसे की हो ची मिन्ह एक लोकतांत्रिक गणराज्य बनाना चाहते थे। तब अमेरिका ने भी दक्षिणी वियतनाम की सहायता करना शुरू कर दिया।  अमेरिका का मुख्य मकसद साम्यवाद को रुकने का था। अमेरिका सोच रहा था कि कहीं साम्यवाद दक्षिणी वियतनाम से होते हुए दक्षिणी एशिया मे न फैल जाए।



दक्षिणी वियतनाम का उत्तरी वियतनाम पर हमला :-

इस बात को ध्यान में रखते हुए, अमेरिका के राष्ट्रपति जोहान एल केनेली लो ने अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों को दक्षिणी वियतनाम भेजना शुरू कर दिया। लेकिन केनीली ने वहां अपनी सेना को नहीं भेजी अक्टूबर 1961 में उत्तरी वियतनाम ने दक्षिणी वियतनाम पर अब तक का सबसे बड़ा हमला कर दिया।

तब अमेरिका के रक्षा विशेषज्ञों ने वियतनाम में 2 लाख अमेरिकी सैनिकों को भेजने का सुझाव रखा।परंतु केनेली ने इस सुझाव को ठुकरा दिया। और दक्षिणी वियतनाम में रक्षा विशेषज्ञों की संख्या को बढ़ाने का आदेश दिया।
वियतनाम युद्ध
वियतनाम युद्ध


दक्षिणी वियतनाम के राष्ट्रपति की हत्या :-

2 नवंबर 1963 तक दक्षिणी वियतनाम के राष्ट्रपति की हत्या कर दी गई।परंतु केनेली ने वहां अपनी सेना को नहीं भेजा। तो  22 नवंबर 1963 को केनेली की भी हत्या कर दी गई।  हत्या के बाद अमेरिका के नए राष्ट्रपति लींडन बी जाॅनसन बने। जो कि वियतनाम ने अमेरिकी सेना को भेजने के लिए तैयार बैठे थे। अब वह एक कारण को ढूंढना चाहते थे। जिसके जरिए दक्षिणी वियतनाम में अपनी सेना को भेज सकें।


अमेरिका द्वारा दक्षिणी वियतनाम की सहायता :-

यदि अमेरिका दक्षिण वियतनाम की मदद के लिए सीधे अपनी सेना को नहीं उतार सकता था। यदि अमेरिका ऐसा करता तो सोवियत संघ भी उत्तरी वियतनाम की सहायता के लिए अपनी सेना को उतार देती। इसी कारण से अमेरिका सीधे अपने सैनिकों को दक्षिणी वियतनाम नहीं भेज पा रहा था।

दक्षिणी वियतनाम द्वारा अमेरिका पर हमला:- 

अगस्त 1964 में गर्ल्स ऑफ पार्किंग में खड़े अपने जहाज USS MADOX पर दक्षिणी वियतनाम की सेना के जरिए हमला कराया गया।  व कहा गया कि यह हमला उत्तरी वियतनाम ने किया है ।

8 मार्च 1965 को अमेरिका वियतनाम युद्ध में कूद पड़ा उस समय तक अमेरिका के 23000 सुरक्षा विशेषज्ञ पहले से ही दक्षिणी वियतनाम में मौजूद थे।

वियतनाम युद्ध

वियतनाम युद्ध में अमेरिका का आगमन :-

 अमेरिका द्वारा वियतनाम पर बमबारी:
फिर अमेरिका ने उत्तरी वियतनाम में बम गिराना शुरू किया। उसने वहां के जंगलों को नष्ट करने के लिए रसायनों का भी प्रयोग किया।  ताकि उत्तरी वियतनाम के सैनिकों को खत्म किया जा सके।  इसके ठीक विपरीत हुआ वियतनाम की सैनिकों को हानि नहीं पहुंची बल्कि उत्तरी वियतनाम के आम आदमियों को इससे बहुत हानि पहुंची सैकड़ों लोग इस आग में जिंदा जलकर मर गए।


उत्तरी वियतनाम द्वारा सुरंगों का निर्माण:

तथा वहां की जंगलों को इस कदर नुकसान हुआ, कि जिसे आज भी वहां देखा जा सकता है।  उत्तरी वियतनाम की सेना ने इस बमबारी से बचने के लिए पूरी वियतनाम में सुरंगों का जाल बना दिया। वह इतनी सुरंगे बना ली कि जिसके अंदर पूरी वियतनाम की सेना आ सकती थी।
वियतनाम युद्ध


वियतनाम युद्ध में अमेरिकी सेना :

इसी प्रकार से अमेरिका अपने सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ता ही जा रहा था। पहले 1 लाख फिर 3 लाख फिर 5 लाख लेकिन, इससे भी वियतनामी सैनिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उत्तरी वियतनाम की सेना ने अमेरिकी सैनिकों को घेर घेर कर मारना शुरू कर दिया। वह गुफाओं से आते और अमेरिकी सैनिकों को मार कर फिर गुफा में ही चले जाते।



वियतनाम युद्ध का अंत :-


जब यह बात अमेरिका पहुंची।तो अमेरिका में भूकंप सा आ गया। अमेरिकी सरकार के ऊपर दबाव बढ़ने लगा।। लोग सोचने लगे कि अमेरिकी सैनिक वियतनाम में कर क्या रहे हैं?? इस प्रकारसे अमेरिकी जनता सड़कों पर उतर आई और वियतनाम अमेरिकी युद्ध का अंत हुआ।


यह था, वियतनाम युद्ध और वियतनाम का संपूर्ण इतिहास

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